भारत में अतिथि देवो भव | Atithi Devo Bhava की परम्परा आज से नहीं बल्कि सदियों पहले ही इसकी नींव रखी गई थी ।
आदर सत्कार द्वारा प्रभु श्री कृष्ण ने हमें यही शिक्षा दी कि अतिथि भगवान का रूप है, जिसके जरिये ईश्वर हमारे सामने आते है, अतः हमें अतिथि का आदर सत्कार सच्चे मन से करना चाहिए।