आदित्य हृदय स्तोत्र

विख्यात सूर्य स्तुति है “आदित्य हृदय स्तोत्र” जो महर्षि अगस्त्य द्वारा मनुष्यों के कल्याण के लिए बताई गई है। भगवान सूर्य अदिति और कश्यप ऋषि के पुत्र हैं इसलिए उन्हे “आदित्य” भी कहा जाता है।

आदित्य हृदय स्तोत्र भगवान सूर्य देव की स्तुति है जो रामायण काल में राम रावण युद्ध के समय अगस्त्य ऋषि ने श्री राम को बताई थी। इसके जप से निश्चित रूप से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।

आदित्य हृदय स्तोत्र के जप से सभी शत्रुओं का नाश, शत्रुओं पर विजय और पुण्य की प्राप्ति होती है। यह उत्तम स्तोत्र आयु वर्धक और चिंता एवं शोक को मिटाने वाला है– श्लोक 4-5।

 विपत्ति, कष्ट, अथवा दुर्गम मार्ग में या किसी भय के अवसर पर जो कोई भी मनुष्य इस आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप करेगा उसे दुख नहीं होगा।

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