हनुमान चालीसा एक अद्भुत, चमत्कारी और शक्तिशाली दोहों का संग्रह है जिसमें कुल चालीस दोहे हैं। इन चालीस दोहों की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने हनुमान जी को प्रसन्न करने और अपने ऊपर आए संकट को दूर करने के उद्देश्य से की थी।
संत कवि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्री हनुमान चालीसा के पाठ से सभी कष्टों का निवारण होता है। हनुमानजी कलयुग में साक्षात विराजमान देवता हैं। वे श्रीराम भक्तों के कल्याण और धर्म की रक्षा के लिए त्रेतायुग से अभी तक जीवित हैं।
हनुमान चालीसा
हनुमान चालीसा में हनुमान जी की शक्ति, कार्यों और गुणों का उल्लेख बड़े ही सुंदर ढंग से 40 चौपाइयों में हुआ है। चालीसा का अर्थ है ‘चालीस’ चौपाइयाँ जिनमें हनुमान जी की वंदना और संकट से रक्षा के लिए स्तुति की गई है।
हनुमान चालीसा की रचना 16वीं सदी में अवधि भाषा में हुई है। हनुमान जी के सभी श्लोकों और मंत्रों में हनुमान चालीसा सर्वश्रेष्ठ है।
भूत-प्रेत, शनि, मंगल, पितृ इत्यादि दोषों के निवारण हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। पाठकों की सुविधा के लिए यहाँ हनुमान चालीसा पाठ (हनुमान चालीसा लीरिक्स) हिन्दी में दी गई है।
हनुमान चालीसा लीरिक्स इन हिन्दी: Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi
।। श्री हनुमान चालीसा।।
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥
राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुँचित केसा॥४॥
हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे
काँधे मूँज जनेऊ साजे॥५॥
शंकर सुवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जगवंदन॥६॥
विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर॥७॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मनबसिया॥८॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा
विकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे
रामचंद्र के काज सवाँरे॥१०॥
लाय सजीवन लखन जियाए
श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥११॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावै
अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥१३॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥
तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥
तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना
लंकेश्वर भये सब जग जाना॥१७॥
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू
लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥१८॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही
जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥१९॥
दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥
राम दुआरे तुम रखवारे
होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥
सब सुख लहैं तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहु को डरना॥२२॥
आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हाँक तै कापै॥२३॥
भूत पिशाच निकट नहि आवै
महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥
नासै रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥
संकट तै हनुमान छुडावै
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥२६॥
सब पर राम तपस्वी राजा
तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥
और मनोरथ जो कोई लावै
सोई अमित जीवन फल पावै॥२८॥
चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥
साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे॥३०॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता॥३१॥
राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥
तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥
अंतकाल रघुवरपुर जाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥३४॥
और देवता चित्त ना धरई
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥३५॥
संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥
जै जै जै हनुमान गुसाईँ
कृपा करहु गुरु देव की नाई॥३७॥
जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई॥३८॥
जो यह पढ़े हनुमान चालीसा
होय सिद्ध साखी गौरीसा॥३९॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मह डेरा॥४०॥
दोहा
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥
Hanuman Chalisa Lyrics in English
Sri Guru Charan Saroj Raj, Nij Mann Mukuru Sudhaari.
Barnaun Raghuvar Bimal Jasu, Jo Daayaku Phal Chaari.
Buddhiheen Tanu Janike, Sumiraun Pawan-Kumar.
Bal Buddhi Vidya Dehu Mohi, Harahu Kalesh Bikaar.
Jai Hanuman Gyan Gunn Sagar.
Jai Kapis Tihun Lok Ujagar.
Ramdoot Atulit Baldhama.
Anjani-Putra Pawansut Nama.
“Mahaveer Vikram Bajrangi.
Kumati Nivar Sumati Ke Sangi.
Kanchan Baran Biraj Subesa.
Kaanan Kundal Kunchit Kesa.”
Haath Braj Au Dhwaja Biraaje.
Kaandhe Moonj Janeu Saaje.
Shankar Suvan Kesarinandan.
Tej Prataap Maha Jag Bandan.
Vidyavan Guni Ati Chaatur.
Ram Kaaj Karibe Ko Aatur.
Prabhu Charitra Sunibe Ko Rasiya.
Ram Lakhan Sita Mann Basiya.
Sukshma Roop Dhari Siyanhi Dikhawa.
Bikat Roop Dhari Lanka Jarawa.
Bheem Roop Dhari Asura Sanghare.
Ramchandra Ke Kaaj Sanware.
Laaye Sanjeevan Lakhana Jiyaaye.
Sri Raghuveer Harashi Urr Laaye.
Raghupati Keenhi Bahut Badai.
Tum Mum Priya, Bhartahi Sum Bhai.
Sahas Badan Tumharo Jas Gaave.
Asa Kahi Sripati Kanth Lagaave.
Sankaadik Brahmadi Munisa.
Narad Sarad Sahit Aheesa.
Jam Kuber Digpal Jahan Te.
Kabi Kobid Kahi Sake Kahan Te.
Tum Upkaar Sugreevahi Keenha.
Ram Milaaye Raj-Pad Deenha.
Tumharo Mantra Bibhishan Maana.
Lankeshwar Bhaye Sab Jag Jaana.
Yug Sahastra Jojan Par Bhanu.
Leelyo Taahi Madhur Phal Jaanu.
Prabhu Mudrika Meli Mukh Maahi.
Jaladhi Laandhi Gaye Achraj Naahi.
Durgam Kaaj Jagat Ke Jete.
Sugam Anugrah Tumhare Tete.
Ram Duaare Tum Rakhvare.
Hott Na Aagya Binu Paisare.
Sab Sukh Lahe Tumhari Sarna.
Tum Rakshak Kahu Ko Dar Na.
Aapan Tej Samharo Aape.
Teeno Lok Haank Te Kaampe.
Bhoot Pishaach Nikat Nahi Aavein.
Mahaveer Jab Naam Sunaave.”
Naase Rog Hare Sab Peera.
Japat Nirantar Hanumat Beera.
Sankat Te Hanuman Churave.
Mann Kram Vachan Dhyaan Jo Laave.
Sab Par Ram Tapasvi Raja.
Tin Ke Kaaj Sakal Tum Saaja.
Aur Manorath Jo Koi Laave.
Soi Amit Jivan Phal Paave.
Chaaron Yug Partap Tumhara.
Hai Parsidh Jagat Ujiyara.
Saadhu-Sant Ke Tum Rakhvare.
Asur Nikandan Ram Dulaare.”
Ashta Siddhi Nau Nidhi Ke Daata.
As Var Deen Janaki Mata.
Ram Rasayan Tumhare Paasa.
Sadaa Raho Raghupati Ke Daasa.
Tumhare Bhajan Ram Ko Paave.
Janam Janam Ke Dukh Bisraave.
Antkaal Raghuvar Pur Jaayi.
Jahan Janm Hari-Bhakt Kahai.
Aur Devta Chitta Na Dharai.
Hanumat Sei Sarva Sukh Karai.
Sankat Kate, Mite Sab Peera.
Jo Sumire Hanumat Balbeera.
Jai Jai Jai Hanuman Gosain.
Krupa Karahu Gurudev Ki Naai.
Jo Sat Baar Paath Kar Koi.
Chutahi Bandhi Maha Sukh Hoyi.
Jo Yeh Padhe Hanuman Chalisa,
Hoye Siddhi Saakhi Gaurisa.
Tulsidas Sada Hari Chera,
Keeje Nath Hriday Mah Dera.
COUPLET
Pawan Tanay Sankat Haran, Mangal Murati Roop.
Ram Lakhan Sita Sahit, Hriday Basahu Sur Bhoop.
हनुमान चालीसा पढ़ने के लाभ
हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ आवश्यक है। हनुमान चालीसा पढ़ने और जप करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाओं का नाश होता है। साथ-ही स्वास्थ्य लाभ और मंगल की प्राप्ति भी होती है।
हनुमान जी को माता सीता से अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता होने का वरदान मिला हुआ है। इसलिए वे श्रीराम भक्तों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
त्रेता युग में भगवान श्रीराम के वैकुंठ जाने से पहले हनुमान जी ने पृथ्वी लोक पर रहकर तब तक मनुष्यों की रक्षा करने का संकल्प लिया गया था जब तक कि संसार में भगवान श्रीराम की कथा का प्रचार रहेगा। इसलिए वे हमेशा सभी प्रकार के अमंगलों और बाधाओं से अपने भक्तों की रक्षा करते रहते हैं। हनुमान चालीसा लीरिक्स अभी आप पढ़ चुके हैं। हनुमान चालीसा पढ़ने के निम्नलिखित लाभ हैं-
1) कष्टों और बाधाओं का निवारण: जो भी व्यक्ति शुद्ध भाव से हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करता है और हनुमान जी पर विश्वास रखता है, उसके जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को बजरंग बली दूर कर देते हैं। व्यक्ति कितना भी कष्टों से पीड़ित हो, एक बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से ही कष्ट दूर होने लगते हैं।
2) मंगल करने वाले: हनुमान जी को “मंगल मूरति मारुति नन्दन” कहा जाता है। अर्थात वे सब मंगलों के कर्ता हैं। हनुमान चालीसा का जप और पाठ करने का एक विशेष लाभ है-अमंगलों का नाश और मंगल का होना। श्रीराम भक्त हनुमान जी स्वयं मंगलकर्ता हैं। वे जहां भी रहते हैं वहाँ से समस्याएँ और अमंगल कोसों दूर भाग जाते हैं।
3) स्वास्थ्य लाभ और रोगों से मुक्ति: व्यक्ति का स्वास्थ्य लाभ और रोगों से मुक्ति, हनुमान चालीसा पाठ का एक महत्वपूर्ण लाभ है। यही कारण है कि अक्सर व्यायामशालाओं और जिम में हनुमान जी की नियमित पूजा होती है। आज भी भारत में पहलवान और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व्यक्ति हनुमान जी की वंदना करते हैं और रोज सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। अच्छे स्वास्थ्य लाभ और रोगों से मुक्ति (आरोग्य) के लिए प्रातः हनुमान चालीसा का पाठ बहुत फायदेमंद है।
4) भय का नाश: जैसा कि जग प्रसिद्ध है भगवान श्रीराम “भयभवहारणम्” हैं और उनके दूत हनुमान जी भी जिस पर प्रसन्न हो जाते हैं उसके सारे भय समाप्त हो जाते हैं। हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति भयहीन और निर्भय बन जाता है क्योंकि उसके सारे डर और संशय हनुमान जी की कृपा से खत्म हो जाते हैं।
5) भूत-प्रेत से छुटकारा: आपके जीवन में चाहे कैसी भी नकारात्मक शक्तियों ने प्रवेश कर रखा हो या आप चाहे जितने भी भूत-प्रेतों से पीड़ित हों, हनुमान चालीसा का नियमित पाठ उन सबसे आपको मुक्ति दिला देता है। हनुमान चालीसा में गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है “भूत प्रेत निकट नहीं आवै, महावीर जब नाम सुनावै” अर्थात हनुमान चालीसा का पाठ या जप करने वाले के निकट कोई भूत-प्रेत नहीं आ सकते। यह हनुमान चालीसा का एक बहुत बड़ा लाभ है।
6) सकारात्मक ऊर्जा का वास: हनुमान चालीसा का पाठ करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। हनुमान चालीसा लीरिक्स और दोहों की रचना स्वयं तुलसीदास जी ने की है।
7) बल, बुद्धि और विद्या का विकास: तुलसीदास जी ने स्वयं हनुमान चालीसा के लाभ के बारे में हनुमान चालीसा में ही संकेत किया है। उन्होने हनुमान जी से प्रार्थना में कहा है “बल बुद्धि विद्या देहु मोही, हरहु कलेस बिकार।“ अर्थात हनुमान जी से प्रार्थना की गई है कि वे हमें बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करें। बल, बुद्धि, चतुरता और ज्ञान का विकास का लाभ हनुमान चालीसा के नियमित जप करने से अवश्य प्राप्त होता है। हनुमान जी ये सारे गुण हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले मनुष्य के अंदर भर देते हैं।
8) श्रीराम भक्ति में श्रद्धा: हनुमान चालीसा पढ़ने और पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। हनुमान जी जिस पर प्रसन्न हो जाएँ उसपर भगवान श्रीराम अपने-आप ही कृपा करते हैं। चालीसा का पाठ करने वाला भक्त भगवान श्रीराम का भी प्रिय बन जाता है।
9) शनि और साढ़े साती के दुष्प्रभाव से बचाव: त्रेता युग में रामायण काल में हनुमान जी ने शनिदेव को राक्षसराज रावण की कैद से छुड़ाया था। इसलिए प्रसन्न होकर शनिदेव ने वचन दिया था कि जो भी व्यक्ति हनुमान जी पर श्रद्धा रखेगा और उनकी भक्ति करेगा वह सदैव शनि की कुदृष्टि से बचा रहेगा। इसलिए हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति पर शनि और साढ़े साती का प्रभाव नहीं पड़ता है।
10) भवसागर से मुक्ति: हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति संसार में सुख करता हुआ अंत समय में मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। इससे रघुवर के धाम (लोक) यानि ‘साकेत’ में वास करने का लाभ मिलता है।
भारत में भगवान श्रीराम की ‘श्रीरामचरितमानस’ और रामायण के समान ही हनुमान चालीसा और उसकी लीरिक्स का महत्व है। बजरंग बान और हनुमान बाहुक, अष्टक इत्यादि के साथ हनुमान चालीसा का पाठ अत्यंत फलदायक और शुभ माना गया है।
मंगलवार, शनिवार, हनुमान जन्मोत्सव और अन्य किसी भी शुभ अवसर पर हनुमान चालीसा लीरिक्स पढ़ने से हनुमान जी की कृपा अवश्य प्राप्त होती है और संकटों का नाश होता है। हनुमान चालीसा में हनुमान जी के कई नामों का उल्लेख हुआ है जैसे-बजरंगबली, पवनपुत्र, रामदूत, वायुपुत्र, अंजनीपुत्र, संकरसुवन, और केसरीनंदन इत्यादि। ये सभी नाम पवित्र हैं।
हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें
हनुमान चालीसा का पाठ उसकी लीरिक्स यानि बोल के अनुसार शुद्धता से करना चाहिए। तभी पूरा लाभ मिलता है। यह वैदिक श्लोकों की भांति पवित्र और प्रभवशाली है इसलिए पूरे विधि-विधान के साथ ही हनुमान चालीसा का जप करें।
हनुमान चालीसा का पाठ ऐसे करें:
- हनुमान जी का पूजन और हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए प्रातः नित्य क्रिया से निवृत्त होकर हनुमान जी के सम्मुख घी का दीप जलाएँ। जहां भी आप पूजा करते हों अथवा जो भी स्थान साफ-सुथरा पवित्र हो वहाँ एक लाल रंग का आसन बिछा देना चाहिए।
- हनुमान जी का ध्यान करते हुए गंगाजल का छिड़काव करें। हनुमान चालीसा का पाठ करने से पूर्व आप चाहें तो पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से पूजा कर सकते हैं।
- अपने आसन पर हनुमान चालीसा का पाठ करने से पूर्व शुद्धता के लिए इस मंत्र का उच्चारण करें- ओउम् अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपि वा। यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः॥ ओउम् पुनातु पुण्डरीकाक्षः पुनातु पुण्डरीकाक्षः पुनातु ।।
- शुद्ध होने के बाद आचमन, शिखाबन्धन, प्राणायाम, अंगन्यास, और गुरु को नमस्कार करते हुए भगवान श्रीराम का ध्यान करें।
- अब हनुमान जी का ध्यान करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ 3 या 5 बार करें। हनुमान चालीसा के बोल (लीरिक्स) के अनुसार ही शुद्ध उच्चारण करना चाहिए। आप हनुमान जी को चाहें तो गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, ताम्बूल, इत्यादि अर्पित कर सकते हैं।
- हनुमान चालीसा का पाठ विनीत और श्रद्धा भाव से करना चाहिए। क्रोध, अहंकार और ईर्ष्या मन में नहीं होनी चाहिए। अपने कल्याण के लिए भगवान से स्तुति और प्रार्थना करनी चाहिए।
हनुमान चालीसा का पाठ हिन्दी में और उसकी लीरिक्स अपने देख ली है। पूरे भारत वर्ष में हनुमान चालीसा का पाठ करोड़ों लोग प्रतिदिन करते हैं। मंदिरों में मंगलवार और शनिवार को रोजाना श्रद्धालु इसका पाठ करते दिखाई देते हैं। हनुमान चालीसा को उसके प्रभाव और लोक महत्व के कारण एक प्रमुख हिन्दू ग्रंथ की मान्यता मिली हुई है।
हनुमान चालीसा में हनुमान जी के गुणों, शक्तियों, श्रीराम भक्ति और भक्तों पर अनुग्रह के बारे में उल्लेख है। आरोग्यता, कष्ट निवारण, सुख-शांति, और बल, बुद्धि, विद्या प्राप्त करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।