मानसिक स्वास्थ्य | Mental Health


एक आकलन के अनुसार पूरी दुनिया में करीब 729 मिलियन लोग किसी तरह की मानसिक समस्या (mental problems) से पीड़ित है। इनमे से 264 मिलियन डिप्रेशन(depression), 284 मिलियन एंग्जायटी (anxiety), 46 मिलियन बाइपोलर डिसऑर्डर(bipolar disorder), 16 मिलियन ईटिंग डिसऑर्डर, 107 मिलियन अल्कोहल और ड्रग एब्यूज से पीड़ित है। कही आप या आपके परिवार में का तो कोई नहीं है ?
ज़ब भी हम मानसिक स्वास्थ्य के बारे में सुनते है तो हमारे मन में यह कुछ शब्द आते है यथा – डिप्रेशन, एंजायटी, सुसाइड इत्यादि । इन शब्दों को मानसिक स्वास्थ्य से जोड़ने में कोई बुराई नहीं है लेकिन मानसिक स्वास्थ को केवल इन्ही शब्दों से जोड़ना भी गलत होगा | मानसिक स्वास्थ्य के भी दो पहलू होते है। एक होता है मानसिक तौर पर स्वस्थ होना और दूसरा होता है मानसिक तौर पर बीमार होना। अच्छा मानसिक स्वास्थ्य वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का एहसास होता है | वह जीवन के सामान्य तनावों का सामना कर सकता है, प्रोडक्टिव और फलदायी रूप से काम कर सकता है और अपने या अपने समुदाय के लिए योगदान देने में योग्य होता है। जबकि मानसिक बीमारी कई तरह की मानसिक समस्याओ कों कहते है जो व्यक्ति की मनोदशा, सोच और व्यवहार को प्रभावित करती है। मानसिक बीमारी उम्र, लिंग,धर्म या जाति की फ़िक्र किए बिना किसी को भी प्रभावित कर सकती है। मानसिक बीमारी वाले लोग अक्सर काम, घर और सामाजिक जगहों पर संकट और समस्याओं का सामना करते हैं।

जो लोग मानसिक रूप से स्वस्थ होते है उनका व्यवहार जीवन के प्रति सकारात्मक प्रकार का होता है | वे अपने बारे में अच्छा महसूस करते हैं। वे डर, गुस्सा, प्रेम, जलन, अपराध या चिंता जैसे भावनाओं से परेशान नही होते हैं। उनके पास स्थायी और संतोषजनक व्यक्तिगत संबंध होते हैं। वे अन्य लोगों के साथ कम्फर्टेबल महसूस करते हैं। वे खुद पर और दूसरों पर हंस सकते हैं। झगड़ा होने पर भी वे अपने लिए और दूसरों के लिए सम्मान रखते हैं। वे जीवन की निराशाओं को भी ख़ुशी से स्वीकार कर लेते हैं। वे जीवन की माँगों को पूरा कर सकते हैं और जब जीवन में समस्याए पैदा होती हैं तो वे उसे भी संभाल लेते हैं। वे अपने फैसले खुद करते हैं और जब भी संभव हो वे अपने वातावरण को खुद ही आकार देते हैं और ज़रूरी होने पर उसमे समायोजित भी हो जाते हैं।

सभी लोग मानसिक रूप से इतने मज़बूत नहीं होते है, कुछ लोग जीवन की मुश्किलों को नहीं संभाल पाते है और वे खुदकी ही भावनाओं से परेशान हो जाते है। मानसिक तौर पर स्वस्थ न होने के कई कारण हो सकते है|
1) मनोवैज्ञानिक कारण : एक बच्चे के रूप मे उन्होंने गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्याओ का सामना किया हो, जैसे कि भावनात्मक, शारीरिक या यौन शोषण। या उन्होंने अपने जीवन में किसी प्रिय व्यक्ति को खो दिया हो, जैसे कि माता-पिता। बहुत से लोग मानसिक बीमारी से इसलिए पीड़ित हैं क्योंकि वे दूसरों द्वारा नज़रअंदाज़ किए जा रहे हैं।
2) पर्यावरणीय कारण : कुछ तनाव उन व्यक्ति में एक बीमारी को ट्रिगर कर सकते हैं जो की मानसिक बीमारी के लिए अति संवेदनशील हैं। इन तनावों में किसी की मृत्यु, तलाक, एक दुविधाजनक पारिवारिक जीवन, कम आत्मसम्मान, चिंता, क्रोध, अकेलापन, नौकरी या स्कूल बदलना, सामाजिक या सांस्कृतिक अपेक्षाएं आदि शामिल हैं।
3) बायोलॉजिकल कारण : अच्छा मानसिक स्वास्थ न होने का कारण संक्रमण, सिर पर किसी प्रकार की चोट, नशीली चीज़ो का सेवन या अन्य कारण जैसे खराब पोषण और विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना भी हो सकता है।

मानसिक बीमारी के लक्षण व्यक्ति की भावनाओं, विचारों और व्यवहारों को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए जो लोग मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं होते है उनका व्यवहार कुछ नकारात्मक हो जाता है | वे उदास या निराश महसूस करते हैं, भ्रमित रहते है या किसी भी काम मे ध्यान नहीं लगा पाते है | बहुत ज़्यादा डर(fear) या चिंता (worried) का अनुभव करते है। इनका मूड तेजी से बदलता है और ये मित्रों और दूसरे कार्यों से भी दूरी बना लेते है। इनमे थकान, कमजोरी या नींद न आने की समस्या भी होती है और ये रोज़मर्रा की समस्याओं या तनाव से भी नहीं निपट पाते है। शराब या नशीली दवाओं की लत, खाने की आदतों में बड़ा बदलाव, ज़्यादा क्रोध या हिंसा करना, और यहा तक की आत्मघाती विचार(sucidal tendencies) तक इन्हे आते है।

इन सभी आकड़ो से यह तो साफ है की दुनिया भर की आबादी का काफी बड़ा हिस्सा मानसिक तौर पर स्वस्थ नहीं है। लेकिन आप कैसे रहते हैं, इसमें छोटे-छोटे बदलाव करके आप खुदकी काफी मदद कर सकते हैं। तो आप आज से ही इन कुछ बातो पर ध्यान दे |
1) अपनी भावनाओं के बारे में बात करें : अपनी भावनाओं के बारे में बात करना आपको अच्छे मानसिक स्वास्थ्य में रहने में मदद कर सकता है और ऐसे समय से निपटने मे मदद कर सकता है जब आप परेशान महसूस करते हैं।
2) सक्रिय रहें : नियमित व्यायाम आपके आत्मसम्मान को बढ़ा सकता है और आपको ध्यान केंद्रित करने, सोने और बेहतर महसूस करने में भी मदद कर सकता है। व्यायाम दिमाग़ और आपके दूसरे महत्वपूर्ण अंगों को स्वस्थ रखता है, और आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में भी आपकी मदद करता है।
3) अच्छे से खाएं : आपके शरीर के अन्य अंगों की तरह ही स्वस्थ रहने और कार्य करने के लिए आपके दिमाग़ को भी पोषक की आवश्यकता होती है। एक आहार जो आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, वह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है।
4) अल्कोहल एवं ड्रग्स से बचे : हम अक्सर अपना मूड बदलने या मनोरंजन के उद्देश्य से शराब पीते हैं। कुछ लोग डर या अकेलेपन से निपटने के लिए पीते हैं, लेकिन इसका प्रभाव केवल कुछ समय के लिए ही होता है। जब आप पीना बंद कर देते है, तो आपको बुरा लगता है क्योंकि शराब ने आपके दिमाग़ और आपके शरीर के बाकी हिस्सों पर असर किया है। अंततः आप शराब या ड्रग्स के आदी (addicted ) हो जाते है जो ख़राब मानसिक स्वास्थ्य के लिए उत्तरदायी होता है |
5) संपर्क में रहें : किसी से आमने-सामने मिलने से बेहतर और कुछ नहीं है, लेकिन यह हमेशा संभव नहीं होता। आप उन्हें एक कॉल भी दे सकते हैं, उनके लिए एक नोट छोड़ सकते हैं, या इसके बजाय उनके साथ ऑनलाइन चैट भी कर सकते हैं। लोगो से बात करते रहे, यह आपके लिए अच्छा है।

तुम कौन हो, उसे स्वीकार करो। हम सभी स्वयं में ही पूर्ण है तथा प्रकृति प्रदत्त नैसर्गिक प्रतिभा लिए जन्म लिए है | इस बात को स्वीकार करना आपके लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है| आप खुद से ज़्यादा किसी और की तरह नक़ल करने या बनने से बचे । अपने बारे में अच्छा महसूस करना, नए कौशल सीखने, नए स्थानों पर जाने और नए दोस्त बनाने के लिए आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है। स्वयं में प्रति प्रेम आपको जीवन के कठिन मोड़ में मदद करता है। आप जो भी हैं, खुद पर गर्व करें। पहचानें और स्वीकार करें कि आपमे क्या कमी हैं, लेकिन इस पर ध्यान केंद्रित करें कि आप क्या अच्छा कर सकते हैं। अगर आपके अंदर अभी भी कुछ ऐसा है जिसे आप बदलना चाहते हैं तो उसपर काम करें। खुद से पूछे की क्या आपकी ये उम्मीदें सच हो सकती हैं? यदि आपका जवाब हाँ हैं, तो छोटे चरणों में बदलाव की ओर काम करें।
courtesy: google images